Moral Stories in Hindi
Moral Stories in Hindi – Bure Mitro
ki dhurtata ka Parinam,Moral Stories in Hindi – Bure Mitro
ki dhurtata ka Parinam
बुरे
मित्रो
कि
धुर्तता
का
परिणाम
किसी जंगल मै एक व्रक्ष पर एक कौआ रहता था। संयोग से एक हंस भी उसि व्रक्ष पर आकर रहने लगा।चूंकि दोनौ एक ही व्रक्ष पर रह रहे थे। इसलिए दोनौ में गहरी मित्रता हो गई। हंस को अपने मित्र कौए पर बडा भरोसा believe था कि वह कभी भी धोखा नहीं देगा।
तभी एक दिन शिकार करने एक शिकारी उस जंगल में आया और दोपहर को उसी पेड के नीचे विश्राम करने लगा। जिस पर हंस और कौआ रहते थे। शिकारी थका हुआ था। इसलिए वह उस पेड के निचे लेट गया और उसे गहरि नींद लग गई |
तभी थोडी देर बाद कौए ने बीट कर दी। जो शिकारी पर जा गिरी जिससे उसके कपडे खराब हो गए। कौआ बहुत धुर्त और चालाक था। उसे पता था कि जब शिकारि उठेगा और बिट देखेगा। तो गुस्से में मुझे मार डालेगा। ।
उसने यह हंस को नहिं बताई और चुचाप दूसरे पेड पर जाकर बैठ गया। थोडी देर बाद शिकारी कि निंद खूली तब उसने देखा की किसी पक्षी ने उस पर बिट कर दी है। इससे उसे बडा गुस्सा आया।
उसने ऊपर कि और देखा तो वहा पर एक हंस बैठा हुआ था। शिकारी ने सोचा कि इसी दुष्ट हंस ने मुझ पर बीट कि होगी। और वह गुस्से मे आकर अपना धनुष-बाण उठाकर हंस पर तीर चला दिया।
तीर लगते ही हंस बेचारा जमीन पर आ गिरा
और कुछ देर तड्प-तड्प कर उसने अपने प्राण त्याग गिए। हंस ने कोई अपराध नहीं किया था। फिर भी वह क्यौं मारा गया ?
ऐसा उसकी बुरी संगती के कारण हुआ है। उसने कोए जैसे धुर्त और चालाक प्राणी से मित्रता की और उस पर अंधा विश्वास किया। बुरे मित्रो कि धुर्तता का परिणाम हमेशा उनके नादान मित्रौ को हि भुगतना पडता है। अर्थात हमे बिना सोचे समझे मित्रता मै ईतना गहरा जाना चाहिये.
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