Tuesday, December 20, 2016

Akbar Birbal Stories In Hindi – Samajh Ka Hare Pher

समझ का हेर-फेर
Akbar Birbal Stories In Hindi
अकबर-बीरबल की नोकझोंक चलती ही रहती थी। बादशाह को हंसी-मजाक से  बड़ा प्रेम था। इसी कारण बात-बात में उनमें और बीरबल में हंसी के प्रसंग छिड़ जाया करते थे। हंसी-मजाक में अकबर बादशाह क्रोधित भी हो जाते थे, किंतु बीरबल कभी क्रोधित नहीं होते थे। इस बात को मन में विचारकर बादशाह ने बीरबल को क्रोधित करने की नई युक्ति निकाली और बोले- 'बीरबल गाय रांधत।' Akbar Birbal Stories In Hindi


उत्तर में बीरबल ने कहा- 'बादशाह शुकर खाए।'

बादशाह की बात से बीरबल तो क्रोधित हुए, पर बीरबल की बात से बादशाह क्रोधित अवश्य हो गए। वह भड़कर बोले - 'तुम मुझे मजाक के बहाने शुकर खिलाते हो?'



'
हुजूर आप भी तो मुझे गाय खिलाते हो।'

बादशाह अपने वाक्य का अर्थ बदलकर बोले- 'हमने तुम्हें रांधते वक्त गाने को कहा था।'

तत्काल बीरबल ने भी प्रत्युत्तर मे कहा - 'आलमपनाह! मैंने भला शूकर खाने को कब कहा?'

'
तो फिर.....'

'
मैं तो कह रहा था, बादशाह शुक रखाए अर्थात आपने तोता रखा हुआ है। सिर्फ समझ का ही हेर-फेर है। आप बिना अर्थ समझे अकारण क्रोधित होते हैं।' बादशाह निरूत्तर हो गए।


No comments:

Post a Comment

Comments system

Disqus Shortname