Moral Stories in Hindi
Moral Stories in Hindi, Yahaan to
Jitna Bada Dhani H Wahi Bheetr Se Utna Hi Nirdhan H, Moral
Stories in Hindi, Yahaan to Jitna Bada Dhani H Wahi Bheetr Se Utna Hi Nirdhan H
Who is Rich And Who is Poor
एक फकिर था। एक बहुत बडे बादशाह से उसका बहुत गहन प्रेम था । उस
फकिर से गांव के लोगों ने कहा, बादशाह तुम्हें इतना आदर देते हैं, इतना सम्मान देते हैं । उनसे
कहो कि गांव में एक छोटा सा स्कूल खोल दें ।
उसने कहा, मैं जाऊं, मैंने आज तक कभी किसी से कुछ मांगा नहीं, लेकिन तुम कहते हो तो तुम्हारे लिए मांगू|
वह फकिर गया । वह
राजा के भवन में पहुंचा । सुबह
का वक्त था और राजा अपनी सुबह की नमाज पढ रहा था । फकिर
पीछे खडा हो गया । नमाज
पूरी की, प्रार्थना पूरी की । बादशाह
उठा । उसने
हाथ ऊपर फैलाया और कहा, हे परमात्मा, मेरे राज्य की सीमाओं को और बडा कर । मेरे
धन को और बढा, मेरे यश को और दूर तक आकाश तक पहुंचा । जगत
की कोई सीमा न रह
जाए जो मेरे कब्जे में न हो;
जिसका मैं मालिक न हो
जाऊं । हे
परमात्मा, ऐसी कृपा कर । उसने
प्रार्थना पूरी की, वह लौटा ।
उसने देखा कि फकिर सीढियों से नीचे उतर रहा है । उसने
चिल्लाकर आवाज दी क्यों वापस लौट चले ? फकिर ने कहा, मैं सोचकर आया था कि किसी बादशाह से मिलने आया हूं ।
यहां देखा कि यहां भी भिखारी मौजुद है । और
मैं तो दंग रह गया, जितनी बडी जिसकी मांग हो उतना ही बडा वह भिखारी होगा । तो
आज मैंने जाना कि जिसके पास बहुत कुछ है, बहुत कुछ होने से कोई मालिक नहीं होता ।
मालिक की पहचान तो इससे होती है कि कितनी उसकी मांग है । अगर
कोई मांग नहीं तो वह मालिक है, बादशाह है, और अगर उसकी बहुत बडी मांग है तो उतना बडा भिखारी है ।
दुनिया बडी अजिब है । यहां
जो जितना बडा धनी है वही भितर से उतना ही निर्धन भी है । निर्धन
होता है । और
बडे से बडे पर्दो पर बैठा हुआ व्यक्ति अपने भीतर बहुत दयनीय और दरिद्र होता है । अपने
को जितने में बहुत असफल और असमर्थ होते है ।
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